23rd सितंबर, 2025
भाकृअनुप-केन्द्रीय अन्तर्स्थलीय मात्स्यिकी अनुसंधान संस्थान में हिन्दी सप्ताह दिनांक 15 से 22 सितंबर 2025 के बीच मनाया जा रहा है। इसका उद्घाटन दिनांक 15 सितंबर 2025 को संस्थान मुख्यालय में किया गया। इस समारोह में सबसे पहले राजभाषा प्रतिज्ञा ली गई। संस्थान के प्रभागाध्यक्षों ने हिन्दी के प्रयोग और प्रसार-प्रचार के साथ भावी लक्ष्य के लिए सुझाव दिए। मुख्य प्रशासनिक अधिकारी ने राजभाषा अनुपालन को एक सांविधानिक दायित्व के रूप में परिभाषित किया। उन्होंने ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ का उल्लेख करते हुए बताया कि हिन्दी का प्रचार-प्रसार सिर्फ केन्द्रीय सरकार का नहीं हम सभी देशवासियों का भी दायित्व है।
सप्ताह के दौरान संस्थान कर्मियों के लिए कई प्रतियोगिताएँ आयोजित की गयीं जैसे दिनांक 15 सितंबर 2025 को अंकन एवं स्लोगन, 16 सितंबर 2025 को श्रुत लेखन, 17 सितंबर 2025 को आशुभाषण, 18 सितंबर 2025 को प्रश्नोत्तरी तथा कार्य समीक्षा और 19 सितंबर 2025 को कविता पाठ। इन प्रतियोगिताओं में संस्थान कर्मियों ने बड़े उत्साह से भाग लिया और पुरस्कार भी जीते। समापन समारोह दिनांक 22 सितंबर 2025 को किया गया। सबसे पहले डा. श्रीकान्त सामन्ता, प्रभागाध्यक्ष एवं सर्वकार्याधिकारी, हिन्दी कक्ष ने स्वागत सम्बोधन किया। संस्थान के निदेशक, डा. बसंत कुमार दास ने हिन्दी कार्यों की प्रगति और संस्थान द्वारा विकसित नवीन तकनीकों आदि पर प्रकाश डाला।
उन्होंने सभी से राजभाषा हिन्दी के प्रचार-प्रसार के लिए सचेष्ट होने हेतु आह्वान किया। समारोह के मुख्य अतिथि, डा. अरुण होता, प्रोफेसर और प्रभागाध्यक्ष (हिन्दी), पश्चिम बंगाल राज्य विश्वविद्यालय, बारासात, पश्चिम बंगाल ने हिन्दी को एक सामासिक संस्कृति के तौर पर परिभाषित करते हुए अन्य भाषाओं से इसकी अनुकूलनीयता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि भाषा सदैव हमें एक-दूसरे से जोड़ने के लिए होती है और यही हमारी संस्कृति की पहचान है। हिन्दी भाषा के प्रचार-प्रसार और कार्यान्वयन का अर्थ है- हमारी संस्कृति, अस्मिता और एकता के दिशा में प्रयास करना।
इस अवसर पर एक लिफलेट, “सतत मत्स्य पालन और आजीविका संवर्धन में मनिका मन (बिहार) की भूमिका” तथा हिन्दी मासिक न्यूजलेटर (सितम्बर 2025) का विमोचन किया गया। हिन्दी सप्ताह 2025 का सफल कार्यान्वयन संस्थान के निदेशक, डा. बि. के. दास के मार्गदर्शन में डा. श्रीकान्त सामन्ता, प्रभागाध्यक्ष एवं सर्वकार्याधिकारी, हिन्दी कक्ष; श्री संजीव कुमार साहु, वैज्ञानिक; श्री प्रवीण मौर्य, वैज्ञानिक; डा. गुंजन कर्नाटक, वरिष्ठ वैज्ञानिक डा. सुमन कुमारी, वरिष्ठ वैज्ञानिक; सुश्री सुनीता प्रसाद, मुख्य तक.अधि. (हिन्दी) तथा श्रीमती सुमेधा दास, वरिष्ठ तकनीकी सहायक (हिन्दी) द्वारा किया गया।