संस्थान द्वारा ओडिशा के अनुसूचित जाति के मछुआरों को सजावटी मत्स्य पालन पर प्रशिक्षित किया गया

अनुसूचित जाति उपयोजना कार्यक्रम के तहत 13-17 सितंबर, 2021 के दौरान रोटरी क्लब, कटक के सहयोग से भाकृअनुप-केंद्रीय अन्तर्स्थलीय मात्स्यिकी अनुसंधान संस्थान, बैरकपुर द्वारा "आजीविका संवर्धन और रोजगार सृजन के लिए अन्तर्स्थलीय खुले जल में सजावटी मछलियों का पालन" पर एक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में कटक, ओडिशा के सत्यभामापुर गांव (उत्कल गौरव श्री मधुसूदन दास के जन्म स्थान के लिए प्रसिद्ध) के कुल 17 अनुसूचित मछुआरों ने भाग लिया, उनमें से 9 महिलाएं थीं। प्रशिक्षण से पहले, ग्रामीणों के साथ "सजावटी मछली और आय सृजन में इसके महत्व" के बारे में संस्थान के निदेशक डॉ बि. के. दास ने सत्यभामापुर में एक प्रारंभिक बैठक और जागरूकता कार्यक्रम आयोजित की। चर्चा के आधार पर, संस्थान ने उन्हें सजावटी मछलियों का पालन शुरू करने के लिए कल्चर टैंक, चारा और अन्य एक्वैरियम के सामान प्रदान किए। डॉ. दास ने मछुआरों को सजावटी मछली पालन की आवश्यकता के बारे में बताया और सजावटी मछली पालन में उद्यमिता विकास पर भी जोर दिया। प्रशिक्षण में, प्रशिक्षुओं ने एक्वैरियम के निर्माण, सजावटी मछलियों को संभालने, विभिन्न मछलियों के प्रजनन, (गप्पी, मौली, प्लेटी और स्वोर्डटेल) और अंडे की परतें (गोल्ड फिश, कोई कार्प) की प्रक्रिया सीखी। उन्हें फ़ीड (प्राकृतिक और कृत्रिम दोनों) और मछली के भोजन के समय के बारे में भी सिखाया गया; सामान्य रोग और एक्वेरियम में सामान्य प्रबंधन प्रथाओं जैसे पानी का आदान-प्रदान, थर्मोस्टेट का उपयोग, एक्वेरियम में रखने के लिए सामान्य एक्वैरियम मछली का चयन आदि के साथ उनका उपचार भी उन्हें बताया गया। इसके अतिरिक्त, उनके लिए कोलकाता के सजावटी बाजार का एक दौरा भी आयोजित किया गया। साथ ही अंतर्राष्ट्रीय बाजरा दिवस 17 सितंबर 2021 के अवसर पर प्रशिक्षुओं को बाजरा पाउडर और कुछ मूल्य वर्धित बाजरा उत्पाद वितरित किए गए। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का संचालन डॉ. पी.के. परिदा, सुश्री पी.आर. स्वैन और डॉ. एम. शाया देवी ने निदेशक महोदय के नेतृत्व में किया
  

  


Updated on 17/09/2021


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2017 Last updated on 17/09/2021