चरण बील, असम में "एन्डोक्राइन दिसरापटिंग केमिकल (ईडीसी) और मछली स्वास्थ्य प्रबंधन" पर जागरूकता कार्यक्रम

" एन्डोक्राइन दिसरापटिंग केमिकल (ईडीसी) और मछली स्वास्थ्य प्रबंधन" पर एक जागरूकता कार्यक्रम "एन्डोक्राइन दिसरापटिंग केमिकल (ईडीसी) मापने वाले और जलीय निदान को जैव-संवेदी नेटवर्क के माध्यम से उत्तर पूर्व भारत के विशेष संदर्भ के साथ (मीन)" परियोजना के तहत, चरण बील, मोरीगांव, असम में 23-12-2021 को संस्थान के क्षेत्रीय केंद्र गुवाहाटी और सी-डैक, कोलकाता द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया गया था। यह परियोजना इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY), भारत सरकार द्वारा वित्त पोषित है। । इस कार्यक्रम में असम मत्स्य विकास निगम लिमिटेड, (एएफडीसी), गुवाहाटी के सहयोग से चरण बील के 60 मछुआरों ने भाग लिया। संस्थान के क्षेत्रीय केंद्र गुवाहाटी के वैज्ञानिक डॉ. एस.सी.एस. दास ने मछुआरों को ईडीसी के विषाक्त प्रभाव और सतत बील मत्स्य विकास के लिए परियोजना के महत्व के बारे में बताया। डॉ. एस. मुखर्जी, परियोजना अभियंता, सी-डैक, कोलकाता ने स्थायी जलीय पर्यावरण प्रबंधन के लिए जलीय पारिस्थितिकी तंत्र में ईडीसी का पता लगाने के लिए जैव-संवेदी प्रणालियों के महत्व का वर्णन किया। इस कार्यक्रम में संस्थान मुख्यालय के वैज्ञानिक डॉ. पी. के. परिदा ने बील में भंडारण सामग्री के रूप में मछली के बीजों को इन-सीटू पालन करने के लिए पेन कल्चर के महत्व पर जोर दिया और मछली रोग प्रबंधन के लिए एंटीबायोटिक दवाओं के जिम्मेदार उपयोग के बारे में भी बताया। वैज्ञानिक डॉ. ध्रुबा ज्योति सरकार ने बीलों में प्रदूषकों का पता लगाने के लिए पॉइंट ऑफ केयर बायोसेंसिंग सिस्टम के महत्व पर प्रकाश डाला और अन्तर्स्थलीय जल निकायों से अधिकतम मछली उत्पादन प्राप्त करने के लिए जल गुणवत्ता मानकों के पहलुओं के बारे में जानकारी दी। श्री जे. पी. सैकिया, जेई, एएफडीसी ने भी समग्र बील मत्स्य विकास के लिए जल संसाधनों और उनके सर्वोत्तम प्रबंधन प्रथाओं के महत्व पर जोर दिया। जागरूकता कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए एएफडीसी लिमिटेड के स्टाफ सदस्यों ने सहायता की। परियोजना के तहत ईडीसी का पता लगाने के लिए विकसित बायोसेंसर का प्रदर्शन श्री के. घोष, श्री एस. भट्टाचार्जी, श्री आर. बनर्जी, श्री कौशिक दास, एमईएएन परियोजना के शोधार्थीयों द्वारा किया गया। समग्र कार्यक्रम का समन्वय संस्थान के निदेशक डॉ. बि. के.दास के मार्गदर्शन में डॉ. बी. के. भट्टाचार्य, प्रभारी, क्षेत्रीय केंद्र गुवाहाटी और डॉ. बी. के. बेहरा, प्रधान वैज्ञानिक और प्रभागाध्यक्ष द्वारा किया गया।

  



24/12/21 को अद्यतन किया गया


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