सिफरी द्वारा प्रशिक्षकों के लिए ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन

भाकृअनुप-केंद्रीय अन्तर्स्थलीय मात्स्यिकी अनुसंधान संस्थान, बैरकपुर ने 22 फरवरी 2022 को राष्ट्रीय मात्स्यिकी विकास बोर्ड (एनएफडीबी), हैदराबाद द्वारा प्रायोजित "आजीविका सृजन के लिए सतत जलाशय मात्स्यिकी" पर एक दिवसीय ऑनलाइन कार्यक्रम का आयोजन किया। यह कार्यक्रम देश के 10 से अधिक राज्यों के प्रशिक्षकों के कौशल क्षमता वृद्धि करने तथा जलाशय मात्स्यिकी प्रबंधन पर संबंधित विभागों को संवेदनशील बनाने के उद्देश्य से किया गया था। कार्यक्रम का शुभारंभ सिफरी के निदेशक, डॉ. बि.के. दास के स्वागत सम्बोधन के साथ किया गया। डॉ. दास ने इस तथ्य पर जोर दिया कि जलाशय में मछली उत्पादन की अधिक संभावना होते हुए भी संभावित उत्पादन और वास्तविक उत्पादन में बहुत बाद अंतर देखने को मिल रहा है। अतः हमें इस उत्पादन अंतर को पाटने की दिशा में प्रयास करना होगा। इस ऑनलाइन कार्यक्रम में छह व्याख्यानों को रखा गया था। डॉ. यू.के सरकार, प्रभागाध्यक्ष, जलाशय मात्स्यिकी प्रभाग और कार्यक्रम समन्वयक ने जलाशयों में मछली पालन के सतत प्रबंधन पर एक परिचय दिया। डॉ. ए.के दास, प्रभारी, प्रशिक्षण एवं विस्तार ईकाई ने मछली उत्पादन और आय बढ़ाने के लिए जलाशयों में घेरे में मछली पालन तकनीक पर प्रकाश डाला। डॉ. लियांथुमलुआ, वैज्ञानिक ने भारतीय जलाशयों की पारिस्थितिकी और उत्पादकता तथा डॉ. सुमन कुमारी, वैज्ञानिक ने जलाशय मात्स्यिकी संवर्धन में जैविक समुदाय की भूमिका पर व्याख्यान प्रस्तुत किया। श्री गणेश चंद्र, वैज्ञानिक ने प्रतिभागियों को जलाशय मात्स्यिकी प्रबंधन के लिए संस्थागत सुविधाओं के बारे में जानकारी दी। डॉ. अपर्णा रॉय, वरिष्ठ वैज्ञानिक के प्रधान मंत्री मत्स्य संपदा योजना के अंतर्गत आजीविका विकास पर एक परिचय दिया। इस कार्यक्रम में देश के 10 विभिन्न राज्यों अर्थात हिमाचल प्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, पश्चिम बंगाल, पुडुचेरी, त्रिपुरा, मणिपुर के मात्स्यिक विभागों के 200 से अधिक प्रशिक्षकों ने वर्चुअल माध्यम (जूम लिंक या यूट्यूब) से भाग लिया। डॉ. पी. मिशाल वैज्ञानिक, के धन्यवाद ज्ञापन के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।

  


24/02/22 को अद्यतन किया गया


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