

बातचीत के दौरान, प्रतिभागियों ने मत्स्य पालन और जलीय कृषि के विभिन्न पहलुओं पर वैज्ञानिकों से आलोचना की। डॉ. भट्टाचार्य ने प्रतिभागियों से उच्च उत्पादन, आय वृद्धि और आजीविका के लिए वैज्ञानिक मछली पालन विधियों को अपनाने का आग्रह किया। उन्होंने लाभार्थियों से सिफ़री केजग्रो (CIFRI-CAGEGROW) फ़ीड के प्रदर्शन पर प्रतिक्रिया साझा करने का भी आग्रह किया। इस अवसर पर जिले के 30 आदिवासी मछुआरा परिवारों को कुल 2000 किलो सिफ्री-केजग्रो फ्लोटिंग फीड वितरित किया गया। श्री के. ब्राइटस्टार ने री-भोई किसान संघ के मछुआरों की तरफ से संस्थान को उनके निरंतर समर्थन के लिए धन्यवाद दिया और वितरित किए गए फ़ीड के सफलतापूर्वक उपयोग की निगरानी करने का वादा किया।
