सिफरी के 76वें स्थापना दिवस पर गंगा नदी में तीस हजार मछली को छोड़ा गया
17th March, 2022
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् -केन्द्रीय अन्तर्स्थलीय मात्स्यिकी अनुसंधान संस्थान (सिफरी), प्रयागराज के 76वें स्थापना दिवस पर आज दिनांक 17 मार्च 2022 को, पवित्र पावन गंगा और यमुना के संगम तट पर गंगा नदी में विलुप्त हो रहे मत्स्य प्रजातियों के संरक्षण एवम् संवर्धन को ध्यान में रखते हुए गंगा नदी में 30000 (तीस हजार) भारतीय प्रमुख कार्प-कतला, रोहू, मृगल मछलियों के बीज को रैंचिंग कार्यक्रम के तहत छोड़ा गया। राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एन एम सी जी) के अन्तर्गत आयोजित इस कार्यक्रम में संस्थान के केन्द्राध्यक्ष डा० डी एन झा ने उपस्थित लोगों को नमामि गंगे परियोजना के बारे में जानकारी दी जिसके अन्तर्गत पुरे गंगा नदी में कम हो रहे महत्वपूर्ण मत्स्य प्रजातियोें के बीज का रैंचिंग होना रखा है साथ ही लोगो को गंगा के जैव विविधता अैार स्वच्छता के बारे में जागरूक करना है। संस्थान के वैज्ञानिक डा० अबसार आलम ने समारोह को सम्बोधित करते हुए गंगा नदी में मछली और रैंचिंग के महत्व को बताया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डा० सुनन्दा चतुर्वेदी, प्राचार्य, हे० न० ब० राज० स्नातकोत्तर महाविद्यालय, नैनी, प्रयागराज, ने गंगा के महत्व को बताया और गंगा को स्वच्छ रखने एवम जैव विविधता को बचाने के लिए उपस्थित लोगों से आह्वान किया। सभा में उपस्थित डा० अवधेश कुमार झा, आचार्य, हे० न० ब० राज० स्नातकोत्तर महाविद्यालय, नैनी, प्रयागराज, ने भी कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि गंगा नदी मानव सभ्यता की जननी है, इसकारण इसका संरक्षण आवश्यक है। इस अवसर पर श्री राजेश शर्मा, संयोजक गंगा विचार मंच, राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन, जल शक्ति मंत्रालय, भारत सरकार, ने मंत्रालय द्वारा गंगा सफाई के लिए किए कार्यो का उल्लेख किया तथा गंगा को साफ रखने के लिए शपथ दिलाया। श्री मानवेन्द्र सिंह, अध्यक्ष क्षत्रिय महासभा, संस्थान के वैज्ञानिक श्री श्रवण शर्मा, गंगा स्नान करने आये स्नानार्थियों और मछुआरों ने भी सभा में अपनी बातों को रखा और सभी ने गंगा के प्रति जागरूक होने के साथ ही गंगा को स्वच्छ रखने का संकल्प व्यक्त किया।

कार्यक्रम में महाविद्यालय के विद्यार्थीगण के साथ साथ आस-पास गाव के मत्स्य पालक, मत्स्य व्यवसायी तथा गंगा तट पर रहने वाले स्थानीय लागों ने भाग लिया। कार्यक्रम के अन्त में संस्थान के वैज्ञानिक डा० वेंकटेश ठाकुर ने धन्यवाद ज्ञापन करते हुए आस्वस्त किया कि समाज के भगीदारी से हम इस परियोजना के उद्देश्यों को पाने में सफलता प्राप्त करेंगे। कार्यक्रम में संस्थान के शोधार्थी डा० संदीप कुमार मिश्र, श्री शिवजनम वर्मा, श्री संदीप मिश्रा, श्री दुर्गेश वर्मा आदि ने भाग लिया और सभा को सम्बोधित किया।





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