आईसीएआर-सिफरी ने आंध्र प्रदेश सरकार के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए
नरसापुरम, पश्चिम गोदावरी , 21 नवंबर, 2022
आईसीएआर-सिफरी ने आंध्र प्रदेश सरकार के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए 21 नवंबर 2022: विश्व मात्स्यिकी दिवस के अवसर पर भाकृअनुप- केंद्रीय अन्तर्स्थलीय मात्स्यिकी अनुसंधान संस्थान ने आंध्र प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री श्री वाई.एस. जगनमोहन रेड्डी की गरिमामयी उपस्थिति में आंध्र प्रदेश मत्स्य विभाग के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। आंध्र प्रदेश के पश्चिम गोदावरी जिले के नरसापुरम में एपी एक्वा विश्वविद्यालय के शिलान्यास समारोह के मौके पर यह किया गया।


देश के कुल मछली उत्पादन में आंध्र प्रदेश पहले स्थान पर है और भारत के एक्वा हब के रूप में जाना जाता है। आंध्र प्रदेश सरकार ने मछली की उत्पादकता और उत्पादन बढ़ाने के लिए राज्य के मत्स्य संसाधनों का इष्टतम उपयोग करने की परिकल्पना की है। नॉलेज पार्टनर के रूप में भाकृअनुप- केंद्रीय अन्तर्स्थलीय मात्स्यिकी अनुसंधान संस्थान संबंधित तकनीकी सेवाओं के विस्तार के लिए आंध्र प्रदेश सरकार के साथ मिलकर काम करेगा और निम्नलिखित सेवाएं प्रदान करेगा :
• राज्य में केज कल्चर की स्थापना के लिए जलाशय-वार प्रबंधन योजना सहित सतत मत्स्य पालन मॉडल का विकास; पेन कल्चर के माध्यम से बीज का विकास; वस्तुनिष्ठ तरीके से जलाशयों में मछली और झींगा बीज का भंडारण आदि।
• विभिन्न आईसीएआर-सिफरी प्रौद्योगिकियों का प्रसार और प्रयोग
• आरबीके स्तर पर प्रभावी प्रयोगशालाओं के लिए डिजाइन ढांचा की तैयारी और मत्स्य विश्वविद्यालय के लिए नए दृष्टिकोण का संचार।
डॉ (श्रीमती). पूनम मालाकोंडिया आईएएस, विशेष मुख्य सचिव (पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन) आंध्र प्रदेश सरकार और श्री.कन्ना बाबू, आईएएस, मत्स्य आयुक्त इस अवसर पर उपस्थित थे।





यह वेबसाइट भाकृअनुप-केन्द्रीय अन्तर्स्थलीय मात्स्यिकी अनुसंधान संस्थान, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, कृषि अनुसंधान और शिक्षा विभाग, कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार के तहत एक स्वायत्त संगठन से सम्बंधित है। कॉपीराइट @ 2010 आईसीएआर, यह वेबसाइट 2017 से कृषि ज्ञान प्रबंधन इकाई द्वारा विकसित और अनुरक्षित है।
अंतिम बार1 22/11/22 को अद्यतन किया गया