भाकृअनुप-सिफरी ने राष्ट्रीय मछली किसान दिवस, 2023 पर प्रगतिशील मछली किसानों को सम्मानित किया
बैरकपुर, 5 जुलाई 2023
भाकृअनुप-केंद्रीय अन्तर्स्थलीय मात्स्यिकी अनुसंधान संस्थान (सिफरी) में आजादी के अमृत महोत्सव काल में संस्थान मुख्यालय में "राष्ट्रीय मछली किसान दिवस" का आयोजन किया। राष्ट्रीय मछली किसान दिवस 10 जुलाई 2023 को प्रेरित प्रजनन तकनीक की सफलता के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। प्रो. हीरालाल चौधरी और डॉ. के.एच. अलीकुन्ही ने सर्वप्रथम 'प्रेरित प्रजनन तकनीक' का सफल प्रयोग किया था। इस तकनीक को 10 जुलाई 1957 को तत्कालीन केंद्रीय अन्तर्स्थलीय मत्स्य अनुसंधान स्टेशन, जिसे वर्तमान में भाकृअनुप-केन्द्रीय अन्तर्स्थलीय मात्स्यिकी अनुसंधान संस्थान (सिफरी), बैरकपुर के नाम से जाना जाता है, के तत्वाधान में ओडिशा के अंगुल मछली फार्म में सफलतापूर्वक विकसित किया गया था।

कार्यक्रम के आरंभ में डॉ. हीरालाल चौधरी और डॉ. के.एच. अलीकुन्ही को श्रद्धांजलि दी गई। सर्वप्रथम संस्थान के निदेशक,डॉ. बि.के. दास ने उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों, किसानों और सभी का स्वागत किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सरकार ने प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत मत्स्य पालन विकास के लिए 20,000 करोड़ रुपये की सहायता राशि प्रदान की है। इसके अलावा, सिफरी ने एससीएसपी कार्यक्रम के तहत सजावटी मछली पालन इकाई विकसित करने के लिए 3000 महिलाओं को सहायता प्रदान करने तथा उनके आर्थिक सशक्तिकरण के लिए एक कार्यक्रम शुरू किया है। सम्मानित अतिथि,डॉ. बी.बी. जाना, सेवानिवृत्त प्रोफेसर, कल्याणी विश्वविद्यालय, पश्चिम बंगाल, फेलो, राष्ट्रीय कृषि विज्ञान अकादमी, नई दिल्ली और सचिव,कल्याणी शाइन इंडिया ने किसानों की आजीविका उत्थान के लिए सिफरी के पहल की सराहना की। उन्होंने नदी प्रदूषण और पर्यावरणीय की बिगड़ती स्थिति पर चिंता व्यक्त की क्योंकि इससे मत्स्य पालन, इसके उत्पादन और संरक्षण पर हानिकारक प्रभाव पड़ रहा है।

श्री लोकमान मोल्ला, सचिव, कुलटोली मिलनतीर्थ सोसाइटी, सुंदरबन ने सुंदरबन में सिफरी की पहल की सराहना की। प्रोफेसर कुलदीप कृष्ण शर्मा, मुख्य अतिथि और कुलपति, हिमालयी विश्वविद्यालय, ईटानगर ने इस बात पर प्रकाश डाला कि अन्तर्स्थलीय मत्स्य पालन क्षेत्र में, सिफरी एक अग्रणी संस्थान है और इसने महिला सशक्तिकरण में बहुत योगदान दिया है। अनुसंधान और शैक्षणिक सहयोग के लिए सिफरी और हिमालयी विश्वविद्यालय, ईटानगर के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुआ। प्रोफेसर कुलदीप कृष्ण शर्मा ने बताया कि सिफरी में प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले किसान अपने ज्ञान और संस्थान प्रौद्योगिकी को अन्य स्थानों पर विस्तार करने की दिशा में एक माध्यम की भूमिका निभा सकते हैं, जिससे खाद्य सुरक्षा समस्या से निपटने में भी सहायता मिल सकेगी। इस अवसर पर सापौल (बिहार), पश्चिमी चंपारण (झारखंड), एलुरु (आंध्र प्रदेश), नलबाड़ी (असम), गंगटोक (सिक्किम, बालासोर (ओडिशा) और दक्षिण 24 परगना (पश्चिम बंगाल) राज्यों के 9 प्रगतिशील मछली किसानों को सम्मानित किया गया। किसानों को सम्मानित करने का उद्देश्य उनके कार्यों और प्रयासों को जनमानस में प्रचार करने और लोकप्रिय बनाने के साथ अन्य किसानों को मात्स्यिकी क्षेत्र के प्रति प्रोत्साहित करना है। इस कार्यक्रम में देश के 8 आर्द्रक्षेत्रों (पश्चिम बंगाल, बिहार, मणिपुर और असम) की सफलता गाथा पर एक पुस्तक (सक्सेस स्टोरीज़ फ्रॉम वेटलैंड्स) का विमोचन का विमोचन किया गया.

संस्थान के क्षेत्रीय केंद्रों, बैंगलोर, वडोदरा और प्रयागराज ने भी राष्ट्रीय मछली किसान दिवस मनाया, जिसमें 155 किसान और 20 छात्र शामिल हुए।





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