सामाजिक कार्यकर्ता और सोसायटी के सचिव श्री लोकिमन मोल्ला ने ग्रामीण गरीबों की सामाजिक-आर्थिक स्थितियों के उत्थान में सिफ़री की भूमिका पर जोर दिया। अनुसूचित जाति परियोजना के वैज्ञानिक और प्रभारी डॉ. लियानथुआमलुईया ने संस्थान के अनुसूचित जाति परियोजना कार्यक्रम की भूमिका के बारे में बताया। जागरूकता कार्यक्रम के बाद 100 ग्रामीण महिला लाभार्थियों को मछली के बीज और चारा के रूप में इनपुट वितरण किया गया। संस्थान की शोधार्थी डॉ. श्रेया भट्टाचार्य ने स्थानीय भाषा में संस्थान की भूमिका और उसके द्वारा किए गए कार्यों के बारे में सबको सूचित किया और इनपुट वितरण के लिए आवश्यक व्यवस्था की।
