आईसीएआर-सिफरी ने मेघालय के स्कूलों में अंतर्स्थलीय शौकिया मत्स्य पालन (ऑर्नामेंटल फिशरीज) को लोकप्रिय बनाया
6 मई, 2025
आईसीएआर–केंद्रीय अंतर्स्थलीय मत्स्य अनुसंधान संस्थान (आईसीएआर-सिफरी ), क्षेत्रीय केंद्र, गुवाहाटी ने मेघालय सरकार के मत्स्य विभाग (DoF) के सहयोग से मेघालय के स्कूलों में अंतर्स्थलीय शौकिया मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एक "जागरूकता सह-इनपुट वितरण कार्यक्रम" का आयोजन 8 मई 2025 को मेघालय राज्य मत्स्य अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान (MSFR & TI), मावपुन, मेघालय में किया। यह कार्यक्रम संस्थान के NEH घटक के अंतर्गत विशेष रूप से स्कूली बच्चों के लाभ हेतु आयोजित किया गया।
यह कार्यक्रम डॉ. बि. के. दास, निदेशक, आईसीएआर-सिफरी , बैरकपुर; श्रीमती आइतिनोलिन एल. मावलोंग, एमसीएस, निदेशक, मत्स्य विभाग, मेघालय सरकार; और डॉ. एस. के. माझी, प्रमुख, आईसीएआर-सिफरी क्षेत्रीय केंद्र, गुवाहाटी के मार्गदर्शन में संपन्न हुआ। समन्वयन का कार्य डॉ. प्रोनोब दास, वरिष्ठ वैज्ञानिक, डॉ. एस. बोरा, वैज्ञानिक, आईसीएआर-सिफरी और श्री प्रेशियस एस. सूतिंग, प्राचार्य, MSFR & TI, मावपुन द्वारा किया गया।

कार्यक्रम में श्रीमती मेदा ए. खोंगजिलियू, अधीक्षक मत्स्य, री-भोई जिला और श्री पायोनियर्स लिंगदोह, प्रभारी अधीक्षक मत्स्य, ईस्ट खासी हिल्स जिला (मत्स्य विभाग, मेघालय) ने अपनी उपस्थिति से कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। कार्यक्रम में लगभग 80 प्रतिभागियों ने भाग लिया, जिनमें स्कूल शिक्षक, मत्स्य अधिकारी, वैज्ञानिक, तकनीकी अधिकारी और मीडिया प्रतिनिधि शामिल थे।
उद्घाटन सत्र में डॉ. प्रोनोब दास ने सभी प्रतिभागियों और अतिथियों का स्वागत करते हुए कार्यक्रम के उद्देश्य को स्पष्ट किया। उन्होंने उपस्थित स्कूल प्रतिनिधियों को आईसीएआर-सिफरी की कार्यप्रणाली का संक्षिप्त परिचय भी दिया। डॉ. एस. के. माझी ने मेघालय में मत्स्य क्षेत्र के विकास हेतु संस्थान द्वारा वर्षों से किए जा रहे अनुसंधान और विस्तार कार्यों की जानकारी दी। उन्होंने मेघालय की समृद्ध मछली जैव विविधता और राज्य में शौकिया मत्स्य पालन की संभावनाओं पर भी प्रकाश डाला।

श्री पी. लिंगदोह ने राज्य के स्कूलों में शौकिया मत्स्य पालन को लोकप्रिय बनाने के लिए आईसीएआर-सिफरी के प्रयासों की सराहना की। डॉ. एस. बोरा ने स्कूल शिक्षकों से आग्रह किया कि वे छात्रों को एक्वेरियम में मछली पालन के महत्व के बारे में शिक्षित करें और छात्रों को आईसीएआर-सिफरी के भ्रमण पर लाने को प्रेरित करें। दो शिक्षकों ने भी अपने विचार साझा करते हुए आईसीएआर-सिफरी और मत्स्य विभाग का आभार व्यक्त किया तथा एक्वेरियम की उचित देखरेख का आश्वासन दिया।
श्रीमती एम. ए. खोंगजिलियू ने राज्य में मत्स्य पालन के विकास हेतु निरंतर सहयोग देने के लिए आईसीएआर-सिफरी का धन्यवाद किया और बताया कि इससे मछुआरों की आजीविका को बल मिला है। उन्होंने राज्य की स्थानीय देशी शौकिया मछली प्रजातियों के महत्व को रेखांकित किया और विभाग की ओर से स्कूलों को आवश्यक सहायता देने का आश्वासन भी दिया। उद्घाटन सत्र का समापन श्री पी. एस. सूतिंग द्वारा औपचारिक धन्यवाद प्रस्ताव के साथ हुआ।

तकनीकी सत्र के दौरान, डॉ. प्रोनोब दास ने शौकिया मत्स्य पालन और एक्वेरियम मछली पालन के महत्व को समझाया। डॉ. एस. बोरा ने एक्वेरियम प्रबंधन के विभिन्न पहलुओं जैसे स्थापना और रखरखाव पर प्रकाश डाला। श्री ए. ककाटी, तकनीकी अधिकारी, आईसीएआर-सिफरी तथा भुवनेश्वर स्थित एम. आर. अक्वाटेक के तकनीशियनों ने एक्वेरियम स्थापना का प्रदर्शन किया।
इंटरएक्टिव सत्र में वैज्ञानिकों, मत्स्य अधिकारियों और तकनीकी विशेषज्ञों ने प्रतिभागियों के शौकिया मत्स्य पालन से संबंधित प्रश्नों के उत्तर दिए। उन्होंने स्कूल शिक्षकों से आग्रह किया कि वे छात्रों में एक्वेरियम मत्स्य पालन के लिये प्रोत्साहित करें। कार्यक्रम का समापन छात्रों के लाभ के लिए मेघालय के री-भोई और पूर्वी खासी हिल्स जिलों का प्रतिनिधित्व करने वाले 50 स्कूलों के बीच सहायक 50 एक्वेरियम,उसके सहायक उपकरण और मछलियों के वितरण के साथ हुआ।





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